लेखनी प्रतियोगिता -30-Oct-2022 छठ पूजा
विषय-छठ पूजा
छठ मैया सिखाती जीवन की सीख,
चतुर्थ दिवस तक होती रीत,
जब भी होती निशा,
लेकर आती नया सवेरा।
कार्तिक मास की शुक्ल षष्ठी,
इस पर्व को धूमधाम से मनाती,
मन में रखती श्रद्धा,
36 घंटे रहती निर्जला।
बिहार का यह पर्व,
चार दिवसीय होता इसका अर्थ,
छठ पूजा का है यह उत्सव,
धूमधाम से मनाएं हर नारी।
प्रथम दिन नहाए खाए करते पूजा,
बीजे दिन होता खरना,
तीजे दिन डूबते सूरज को देना अर्घ्य,
चौथे दिन सूर्य देव को करते जल अर्पण।
सप्त घोड़े पर होकर सवार,
छठी बहन के संग सूर्य भगवान,
देते सबको वरदान,
पूरी करते सब की अरदास।
छठ पूजा का करती पूर्ण विधान,
दीर्घायु संतान का मिलता आशीष,
परिवार में बना रहे सम्मान,
करती है कामना यही आज।
छठ मैया का पूजन है सुहाना,
हर्षोल्लास से सभी मनाना,
रखे सभी नारी उपवास निर्जला,
हर नारी की होती आस्था।
नदी घाट पर करते सूर्य पूजा,
जब होता सूर्य अस्त,
अर्घ्य देती प्रथम,
जब होता सूर्य उदय,
देती अर्घ्य दुग्ध।
जगत में छाई है छठ की महिमा,
सूर्य की फैली है आभा,
सूर्य देव के करती दर्शन,
छठ माता का करती पूजन।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
05-Nov-2022 05:56 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Mahendra Bhatt
04-Nov-2022 03:00 PM
बहुत खूब
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Suryansh
02-Nov-2022 07:30 AM
बहुत ही उम्दा और उत्कृष्ट वर्णन
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